टाइगर जिंदा है:movie review
अवधि:2 hours 41 minutes
निर्देशक:अली अब्बास जफर
कलाकार:सलमान खान,कटरीना कैफ,अंगद बेदी,परेश रावल,गिरीश कर्नाड
प्रोड्यूसर : यशराज फिल्म्ज
संगीत: विशाल शेखर
बैकग्राउंड: जूलीयस पककीयम
मूवी टाइप:ऐक्शन,थ्रिलरक्रिटिक रेटिंग
एक था टाइगर की सीक्वल. 'टाइगर जिंदा है' की कहानी शुरू होती है करीब-करीब वहीं से जहां एक था टाइगर खत्म होती है. इराक में हालात खराब हैं और आतंकवादियों ने 40 नर्सों को यहां के एक अस्पताल में बंदी बना लिया है, इन 40 नर्सों में 25 हिंदुस्तानी जबकि 15 पाकिस्तानी नर्से हैं. इधर हिंदुस्तान इन नर्सों को अपने देश वापस लाना चाहता है पर उनके पास हैं सिर्फ 7 दिन का वक्त है. अब सवाल ये उठता है की इतने कम वक्त में इस काम को कौन अंजाम दे सकता है, जवाब एक ही है और वो है टाइगर... पर क्या टाइगर जिंदा है?
खामियां:
फिल्म की खामी ये है की ये काफी प्रीडेक्टेबल है यानी फिल्म में क्या होगा ये आपको पहले से पता है बस आपको देखना है कि कैसे होगा. फिल्म के कई दृश्यों के साथ भावनात्मक जुड़ाव नहीं हो पाता और फिल्म में टाइगर के लिए सब कुछ आसान लगता है.
खूबियां:
पहेली बात तो ये की ये सलमान खान की फिल्म है और इसे सलमान की फैन फॉलोइंग और उनके हिरोइज्म को ध्यान में रख कर ही बनाया गया है और यहां सलमान का ऐक्शन और हेरोइज्म दोनो ही लोगों को पसंद आएगा. फिल्म का एक्शन जबरदस्त है, कैटरीना ने भी कई दृश्यों में बेहतरीन एक्शन किया है, फिल्म की लोकेशन और कैमरा वर्क फिल्म को भव्य बनाते हैं, ये फिल्म तेजी के साथ आगे बढ़ती है और दर्शकों को अपनी गति से बांधे रखती है. फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर प्रभावशाली है.
मेरी तरफ से इस फिल्म को 3 स्टार्स.
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